आप कहते हो 'अतिथि देवो भव:' पर अतिथि खाने में मांसाहार मांगे तो क्या करें ? Premanand Maharaj

lockquote> **"आप कहते हो 'अतिथि देवो भव:' पर अतिथि खाने में मांसाहार मांगे तो क्या करें?"** यह प्रश्न केवल धार्मिक नहीं, सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। आइए इसे समझते हैं: --- ### **1. 'अतिथि देवो भव:' का अर्थ क्या है?** इस वाक्य का अर्थ है – *"अतिथि भगवान के समान है।"* अर्थात, जब कोई हमारे घर आता है, तो हम उसका स्वागत, सेवा और आदर ऐसे करें जैसे स्वयं भगवान आए हों। **लेकिन ध्यान दें**, यह सम्मान *भक्ति और मर्यादा के भीतर* होता है, अंधअनुकरण में नहीं। --- ### **2. यदि अतिथि मांसाहार मांगे तो...?** **यहाँ दो स्थितियाँ बनती हैं:** #### **(A) आप स्वयं मांसाहारी हैं:** तो यह आपकी व्यक्तिगत आस्था और भावनाओं पर निर्भर करता है कि आप क्या परोसना चाहते हैं। #### **(B) आप शुद्ध शाकाहारी हैं (भक्ति मार्ग पर, धार्मिक रीति से):** तो **आपको मांसाहार बनाना या परोसना ज़रूरी नहीं है।** **आप ऐसे कह सकते हैं:** > "हमारे घर में धार्मिक कारणों से केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही बनता है। > हम प्रेम से आपके लिए बहुत स्वादिष...