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बेलपना आशापुरा माता जी | चौहान वंश की कुलदेवी का इतिहास और मंदिर

बेलपना आशापुरा माता जी - चौहान वंश की कुलदेवी 🔱 बेलपना आशापुरा माता जी – चौहान वंश की कुलदेवी 🔱 भारत की सनातन संस्कृति में कुलदेवी का स्थान अत्यंत उच्च माना गया है। विशेष रूप से क्षत्रिय कुलों में कुलदेवी को वंश की रक्षक, मार्गदर्शक और आराध्य शक्ति माना जाता है। चौहान वंश की ऐसी ही पूजनीय देवी हैं माता आशापुरा जी , जिनका एक अत्यंत पवित्र स्थल राजस्थान के बेलपना गाँव में स्थित है। यह लेख न केवल माता की महिमा को दर्शाता है, बल्कि चौहान वंश, उनके इतिहास और बेलपना की परंपराओं की एक झलक भी प्रस्तुत करता है। 1️⃣ चौहान वंश का इतिहास 1.1 चौहान वंश की उत्पत्ति चौहान वंश अग्निवंशी राजपूतों में से एक है। अग्निकुंड से उत्पन्न चार वंशों में (चौहान, परमार, सोलंकी और प्रतिहार) चौहान वंश का गौरवपूर्ण स्थान है। इस वंश की स्थापना 7वीं शताब्दी में मानी जाती है। चौहानों ने अजमेर, रणथंभौर, दिल्ली, नाडोल, सपादलक्ष जैसे क्षेत्रों पर राज किया। 1.2 पृथ्वीराज चौहान – वंश का गौरव चौहान वंश का सबसे प्रख्यात राजा था सम्राट पृथ्वीर...

प्रदोष व्रत (कृष्ण) 25 अप्रैल 2025: भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष दिन

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प्रदोष व्रत (कृष्ण) - 25 अप्रैल 2025 प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) – 25 अप्रैल 2025 शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। अप्रैल 2025 में कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, जिसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से गृहस्थ जीवन, सौंदर्य, सुख-संपत्ति और वैवाहिक जीवन की समृद्धि के लिए शुभ माना गया है। प्रदोष व्रत का महत्व ‘प्रदोष’ शब्द का अर्थ है—‘संध्या काल’। यह वह समय होता है जब दिन और रात का मिलन होता है। मान्यता है कि इस समय भगवान शिव तांडव मुद्रा में होते हैं और अपने भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं। प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की आराधना से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा प्रदोष व्रत से जुड़ी एक प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार एक निर्धन ब्राह्मण बालक जंगल में भटकता हुआ भगवान शिव की आराधना करने लगा। उसने त्रयोदशी ति...

एकादशी 2025: व्रत तिथि, महत्व, पूजा विधि और सालभर की पूरी जानकारी

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Ekadashi 2025: एकादशी व्रत तिथियाँ, महत्व, पारण विधि और लाभ content= https://bhaktiking5.blogspot.com/2025/04/Ekadashi.html Ekadashi 2025: एकादशी व्रत तिथि, महत्व और पारण विधि एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित एक विशेष उपवास दिवस है जो हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में कुल 24 एकादशियाँ होंगी। एकादशी व्रत का महत्व इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है। यह व्रत मोक्ष प्राप्ति और भगवान विष्णु की विशेष कृपा दिलाता है। मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है। 2025 की सभी एकादशी तिथि सूची (Ekadashi 2025 Calendar) माह एकादशी (तिथि) पारण समय जनवरी शटtila एकादशी – 29 Jan 30 Jan प्रातः फरवरी जया एकादशी – 12 Feb 13 Feb मार्च अमलकी एकादशी – 10 Mar 11 Mar अप्रैल कामदा एकादशी – 08 Apr 09 Apr मई वरुथिनी एकादशी – 24 Apr 25 Apr जून निर्जला एकादशी – 06 Jun 07 Jun जुलाई योगिनी एकादशी – 21 Jul 22 Jul अगस्त श्रीवत्स एकादशी – 05 Aug 06 Aug सितंबर परिवर्तिनी एकादशी – 14 Sep 15 Sep अक्ट...

मंगलवार को करें ये उपाय, अगर हर समय डर सताता है — हनुमान जी की कृपा से दूर होंगे सभी संकट

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**अगर हर वक्त सताता है किसी चीज का भय तो मंगलवार को करें ये काम, बजरंगबली की कृपा से दूर होगा हर संकट** क्या आपको भी हमेशा कोई अनजाना डर सताता है? क्या रात को नींद नहीं आती, या बार-बार मन विचलित रहता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक अशांति और डर आम बात हो गई है। लेकिन सनातन धर्म में ऐसे भय को दूर करने के लिए मंगलवार का दिन बेहद शुभ माना गया है — खासकर हनुमान जी की आराधना के लिए। --- ### **मंगलवार: हनुमान जी की कृपा का दिन** मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से मनोबल बढ़ता है, आत्मविश्वास जागृत होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन से भय, रोग, कर्ज, और संकट दूर होते हैं। --- ### **डर दूर करने के लिए मंगलवार को करें ये उपाय** #### **1. हनुमान चालीसा का पाठ करें** सुबह स्नान कर लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी के सामने दीप जलाएं और *हनुमान चालीसा* का पाठ करें। इससे आत्मबल बढ़ता है और मन शांत रहता है। #### **2. सिंदूर अर्पण करें** हनुमान जी को *चोला चढ़ाना* और *सिंदूर अर्पण* करना शुभ माना जाता है। मान्यता ...

श्री कृष्ण के 11 प्रेरणादायक सुविचार | Krishna Quotes in Hindi for Life

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श्री कृष्ण के 11 प्रेरणादायक सुविचार | Krishna Quotes in Hindi भगवान श्री कृष्ण का जीवन और उनके उपदेश आज भी लाखों लोगों को जीवन में दिशा दिखाते हैं। उनके कहे गए शब्दों में गहरा ज्ञान और शांति छुपी है। यहां हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री कृष्ण के 11 अनमोल सुविचार, जो आपके जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देंगे। 1. "जो हुआ, अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है। जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा।" यह सुविचार हमें सिखाता है कि हर घटना के पीछे कोई न कोई कारण होता है। ईश्वर पर भरोसा रखिए, सब कुछ अपने समय पर सही होता है। 2. "कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।" भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं कि मनुष्य को सिर्फ कर्म करना चाहिए, फल अपने आप मिलेगा। 3. "मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है।" आपके सोचने का तरीका ही आपको बनाता है। सकारात्मक सोच हमेशा सफलता दिलाती है। 4. "जब तक आप अपनी समस्याओं और कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते हैं, तब तक आप अपनी परेशानियों से छुटकारा नहीं पा सकते।" दोषारोपण छोड़कर...

श्रीकृष्ण के 21 प्रेरणादायक विचार – जीवन बदलने वाले सुविचार

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 श्रीकृष्ण न केवल भगवान हैं, बल्कि एक महान शिक्षक, रणनीतिकार और जीवन के हर पहलू को समझाने वाले मार्गदर्शक भी हैं। उनके विचार आज के समय में भी उतने ही उपयोगी हैं जितने महाभारत काल में थे। इस पोस्ट में हम जानेंगे श्रीकृष्ण के 21 प्रेरणादायक विचार, जो आपके सोचने का नजरिया बदल सकते हैं। 1. "जो हुआ, अच्छा हुआ..." जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है; जो होगा, वह भी अच्छा होगा। यह हमें सिखाता है कि हर परिस्थिति में शांति और विश्वास बनाए रखना ज़रूरी है। 2. "कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर..." मेहनत करें, लेकिन नतीजों की चिंता न करें — यही सच्चा कर्मयोग है। 3. "अहंकार, क्रोध और लोभ – ये आत्मा को भ्रष्ट करते हैं। 4. "मनुष्य अपने विश्वास से बनता है – जैसा वह सोचता है,  वैसा ही वह बन जाता है।" 5. "बुद्धिमान व्यक्ति नतीजे की चिंता नहीं करता, बल्कि कर्म पर ध्यान देता है।" <img src="image-url.jpg" alt="प्रेरणादायक हिंदी सुविचार - जीवन में आगे बढ़ने की सीख देने वाला संदेश">

कलयुग में भक्ति – क्या आज भी सच्चे भक्त होते हैं?

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 ## **कलयुग में भक्ति – क्या आज भी सच्चे भक्त होते हैं?** "कलयुग है केवल नाम अधारा, सुमर-सुमर नर उतरहिं पारा।"   ये पंक्तियाँ बताती हैं कि कलयुग में केवल नाम जपना ही मोक्ष का मार्ग बन गया है। लेकिन सवाल ये उठता है – क्या आज भी सच्ची भक्ति होती है? क्या आज भी ऐसे भक्त होते हैं जो भगवान के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं? आइए, इस रहस्य पर विचार करें। --- ### **कलयुग – सबसे कठिन युग** सनातन धर्म के अनुसार चार युग होते हैं – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग।   * सतयुग में धर्म अपने पूर्ण स्वरूप में था।   * त्रेतायुग में वह तीन भाग शेष रहा।   * द्वापर में दो और   * अब कलयुग में केवल एक चौथाई बचा है। कलयुग में लोभ, मोह, क्रोध, ईर्ष्या और कामनाएँ मनुष्य पर हावी रहती हैं। लोगों का ध्यान ईश्वर से ज़्यादा भौतिक सुखों की ओर चला गया है। फिर भी, कहते हैं न – "जहाँ अंधकार होता है, वहीं दीपक की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।" --- ### **भक्ति का स्वरूप बदला है, समाप्त नहीं हुआ** आज भक्ति मंदिरों तक सीमित नहीं रही। सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप्स, यूट्य...

हिंदू नववर्ष 2025: पंचांग, त्योहार, व्रत, और ज्योतिष जानकारी | Vikram Samvat 2082

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## **हिंदू नववर्ष 2025 और पंचांग की रोचक गाथा: धर्म, संस्कृति और आस्था से भरी एक यात्रा** ### **भूमिका** हर नए वर्ष की शुरुआत हमारे जीवन में नई ऊर्जा, नई उमंग और नव संकल्प लेकर आती है। परंतु जब बात हिंदू नववर्ष की होती है, तो यह केवल एक तिथि नहीं होती, बल्कि हमारे **धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं** की एक गूढ़ यात्रा होती है। **हिंदू नववर्ष 2025** का स्वागत पूरे देशभर में उत्साह और श्रद्धा के साथ किया जाएगा। यह पोस्ट आपको न केवल हिंदू नववर्ष के महत्व को समझाएगी, बल्कि **हिंदू पंचांग 2025** की प्रमुख तिथियों, व्रत, त्योहारों, नक्षत्रों और ग्रह-गोचर की जानकारी भी देगी। --- ## **हिंदू नववर्ष क्या है?** हिंदू नववर्ष को अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है – जैसे **गुड़ी पड़वा**, **चैत्र शुक्ल प्रतिपदा**, **उगादि**, **वैष्णव नव संवत्सर**, आदि। यह वर्ष की वह शुरुआत है जो **चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा** (पहली तिथि) से होती है। यह दिन **सृष्टि की शुरुआत**, ब्रह्मा जी के सृजन कार्य, और नवचेतना का प्रतीक माना जाता है। यह नववर्ष हिन्दू पंचांग पर आधारित हो...

सनातन धर्म के 18 महापुराण: हर इंसान को जाननी चाहिए ये रहस्यमयी कहानियाँ!

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चलिए शुरुआत करें: **भूमिका: सनातन धर्म की कथा ग्रंथों का महासागर – पुराण** सनातन धर्म को दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है, जिसमें वेद, उपनिषद, महाकाव्य, और पुराण जैसे अद्भुत ग्रंथों का खजाना है। वेदों को "ज्ञान" माना गया है तो पुराणों को "अनुभव"। ये केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि इतिहास, विज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद, नीति और जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। लेकिन प्रश्न उठता है — **कुल कितने पुराण हैं? कौन-कौन से हैं? और उनका महत्व क्या है?** --- ### पुराण क्या हैं? (What are Puranas?) **"पुरा अपि नवं यः सः पुराणम्"** — जो ग्रंथ प्राचीन होते हुए भी आज भी नवीन ज्ञान दें, वही पुराण हैं। पुराणों का शाब्दिक अर्थ है — "प्राचीन कथा"।  यह ग्रंथ वेदों की व्याख्या, धार्मिक परंपराएं, देवी-देवताओं की कथाएं, सृष्टि की रचना, और धर्म की शिक्षा देते हैं। --- ### सनातन धर्म में **कुल 18 महापुराण** होते हैं ये 18 पुराण तीन प्रमुख देवताओं — ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) — के आधार पर बाँटे गए हैं। #### **त्रिदेवों पर आधारित वर्गीकरण:** - **सात (7...

“Leviathan in Hinduism: क्या मकर ही है महासागरों का रहस्यमयी रक्षक?”

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लेवियाथन और हिंदू धर्म: क्या प्राचीन ग्रंथों में भी छिपा है इसका रहस्य?** क्या आपने कभी "Leviathan" का नाम सुना है? यह एक विशाल समुद्री दैत्य (Sea Monster) है, जिसका उल्लेख बाइबिल में मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि **हिंदू धर्म के ग्रंथों में भी ऐसे ही विशाल जल-जीवों का ज़िक्र मिलता है**? आइए जानते हैं कि Leviathan क्या है, इसका पौराणिक अर्थ क्या है और क्या यह किसी **हिंदू समुद्री दैत्य** से मेल खाता है? --- ## **Leviathan क्या है?** Leviathan एक हिब्रू शब्द है, जिसका उल्लेख Bible की **Book of Job**, **Psalms** और **Isaiah** में किया गया है। यह एक ऐसा विशालकाय समुद्री जीव है जो समुद्र की गहराइयों में रहता है और जिसे कोई भी वश में नहीं कर सकता। **मुख्य विशेषताएँ:** - विशालकाय शरीर - अग्नि उगलने वाला मुँह - अपराजेय शक्ति - समुद्र में भय का प्रतीक --- ## **हिंदू धर्म में Leviathan जैसा कौन है?** हिंदू ग्रंथों में भी कई ऐसे जल-जीवों का ज़िक्र है जो Leviathan से काफी मिलते-जुलते हैं। **यहाँ कुछ प्रमुख उदाहरण देखें:** ### 1. **मकर (Makara):** - हिन्दू पौराणिकता ...

Ganesh Chalisa: भक्ति, विज्ञान और रहस्य – जानिए हर दोहे का रहस्य और लाभ!"

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गणेश चालीसा: एक भक्तिमय विज्ञान और पौराणिक कथा 1. गणेश चालीसा की रचना की पौराणिक कथा गणेश चालीसा एक प्रसिद्ध भक्तिपूर्ण काव्य है जो भगवान श्री गणेश की स्तुति में लिखा गया है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी या उनके शिष्य मंडल में से किसी एक संत द्वारा की गई मानी जाती है। पौराणिक मान्यता है कि एक बार काशी में महामारियों और संकटों ने लोगों को परेशान कर दिया। संतों ने तब श्री गणेश जी का आह्वान करते हुए 40 छंदों में उनकी महिमा का गुणगान किया। ऐसा माना जाता है कि उस पाठ से ही संकट टले और यह चालीसा अमर हो गई। गणेश चालीसा का पाठ करने से सभी कार्यों में सफलता और विघ्नों का नाश होता है। ### 2. हर दोहे का भावार्थ (चयनित 5 प्रमुख दोहों सहित) **1. जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।** भावार्थ: हे गिरिजा पुत्र गणेश, आप मंगल के मूल और बुद्धिमान हैं, आपका जयकार हो। **2. विनय करौं गुरुदेव की, सुनिए विनय महान।** भावार्थ: मैं अपने गुरुदेव की विनती करता हूँ, कृपया मेरी प्रार्थना सुनिए। **3. जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल करण कृपालु विराजू।।** भावार्थ: हे गणपति राज, आपका बार-बार जयकार हो। आप करुणा और...

"Ganesh Chaturthi Vrat: बुधवार का भक्ति महत्व और पूजन विधि | Complete Spiritual Guide"

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**गणेश चतुर्थी व्रत एवं बुधवार का भक्ति महत्व गणेश चतुर्थी, भगवान श्री गणेश जी के जन्मोत्सव का पर्व है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। श्री गणेश जी को "विघ्नहर्ता", "संकटमोचन", और "सिद्धिदायक" के रूप में जाना जाता है। उनके बिना कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ नहीं होता। वहीं बुधवार का दिन भी गणेश जी को समर्पित होता है, इसलिए यह दिन भी विशेष रूप से पूजा और व्रत के लिए शुभ माना जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे किया जाता है, बुधवार को गणेश पूजा का क्या महत्व है और इससे भक्तों को क्या लाभ होते हैं। --- ### **गणेश चतुर्थी का पौराणिक महत्व** पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने अपने उबटन से एक बालक को उत्पन्न किया और उसे अपने द्वार पर पहरे के लिए नियुक्त किया। जब भगवान शिव वहां पहुँचे और प्रवेश करने का प्रयास किया, तो बालक ने उन्हें रोक दिया। क्रोधित होकर शिवजी ने उसका सिर काट दिया। माता पार्वती के क्रोध और विलाप से सृष्टि संकट में आ गई। तब भगवान शिव ने हाथी के बच्चे का सिर उस बालक के धड़ पर...

2025 के प्रमुख हिन्दू त्योहार और व्रत सूची | Hindu Festivals & Vrat List 2025

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2025 के प्रमुख हिन्दू त्योहार और व्रत सूची (Hindu Festivals and Vrat List 2025) जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी (सोमवार) मकर संक्रांति – 14 जनवरी (मंगलवार) शाकंभरी जयंती – 16 जनवरी (बुधवार) वसंत पंचमी – 29 जनवरी (बुधवार) फरवरी 2025: माघ पूर्णिमा – 12 फरवरी (बुधवार) महाशिवरात्रि – 26 फरवरी (बुधवार) मार्च 2025: होली – 14 मार्च (शुक्रवार) चैत्र नवरात्रि आरंभ – 30 मार्च (रविवार) अप्रैल 2025: राम नवमी – 7 अप्रैल (सोमवार) हनुमान जयंती – 12 अप्रैल (शनिवार) महावीर जयंती – 16 अप्रैल (बुधवार) मई 2025: अक्षय तृतीया – 2 मई (शुक्रवार) नारद जयंती – 13 मई (मंगलवार) बुद्ध पूर्णिमा – 23 मई (शुक्रवार) जून 2025: निर्जला एकादशी – 6 जून (शुक्रवार) गंगा दशहरा – 7 जून (शनिवार) जगन्नाथ रथ यात्रा – 26 जून (गुरुवार) जुलाई 2025: गुरु पूर्णिमा – 9 जुलाई (बुधवार) हरियाली तीज – 31 जुलाई (गुरुवार) अगस्त 2025: नाग पंचमी – 4 अगस्त (सोमवार) रक्षाबंधन – 10 अगस्त (रविवार) कृष्ण जन्माष्टमी – 17 अगस्त (रविवार) हरतालिका तीज – 27 अगस्त (बुधवार) गणेश चतुर्थी – 29 अगस्त (शुक्रवार) सितंबर 202...

कलयुग में हनुमान जी की 5 चमत्कारी कथाएँ | Bajrangbali Ke Chamatkar | Hanuman Miracles in Kalyug

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कलयुग में हनुमान जी की 5 चमत्कारी कथाए ### **कलयुग में हनुमान जी की 5 चमत्कारी कथाएँ | Bajrangbali Ke Chamatkar | Hanuman Miracles in Kalyug** "कलयुग केवल नाम अधारा..." – यह पंक्ति बताती है कि इस युग में हनुमान जी जैसे देवता ही हैं, जो सच्चे भक्ति भाव से तुरंत प्रसन्न होकर संकटों से उबार लेते हैं। हनुमान जी त्रेतायुग के बाद भी जीवित हैं और कलयुग में भी अपने भक्तों की सहायता कर रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे पाँच ऐसी सच्ची घटनाएँ, जिनमें लोगों ने हनुमान जी की चमत्कारी कृपा को प्रत्यक्ष अनुभव किया। --- ### **1. ट्रेन दुर्घटना में चमत्कारिक बचाव – शिवपुरी, मध्यप्रदेश** 2017 में शिवपुरी के पास एक ट्रेन पटरी से उतर गई। लोगों ने बताया कि दुर्घटना से पहले उन्होंने एक वानर को पटरियों पर कुछ करते देखा। जब जांच की गई, तो पाया गया कि पटरी टूटी हुई थी और वह वानर (हनुमान जी का रूप) सबको चेतावनी दे रहा था। सौभाग्य से कोई जान नहीं गई। --- ### **2. रामनामी बालक की रक्षा – छत्तीसगढ़** एक गरीब परिवार का बालक जो "राम नाम" की माला जपता था, जंगल में भटक गया। जब भेड़ियों ने उस...

आप कहते हो 'अतिथि देवो भव:' पर अतिथि खाने में मांसाहार मांगे तो क्या करें ? Premanand Maharaj

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lockquote> **"आप कहते हो 'अतिथि देवो भव:' पर अतिथि खाने में मांसाहार मांगे तो क्या करें?"** यह प्रश्न केवल धार्मिक नहीं, सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। आइए इसे समझते हैं: --- ### **1. 'अतिथि देवो भव:' का अर्थ क्या है?** इस वाक्य का अर्थ है – *"अतिथि भगवान के समान है।"* अर्थात, जब कोई हमारे घर आता है, तो हम उसका स्वागत, सेवा और आदर ऐसे करें जैसे स्वयं भगवान आए हों। **लेकिन ध्यान दें**, यह सम्मान *भक्ति और मर्यादा के भीतर* होता है, अंधअनुकरण में नहीं। --- ### **2. यदि अतिथि मांसाहार मांगे तो...?** **यहाँ दो स्थितियाँ बनती हैं:** #### **(A) आप स्वयं मांसाहारी हैं:** तो यह आपकी व्यक्तिगत आस्था और भावनाओं पर निर्भर करता है कि आप क्या परोसना चाहते हैं। #### **(B) आप शुद्ध शाकाहारी हैं (भक्ति मार्ग पर, धार्मिक रीति से):** तो **आपको मांसाहार बनाना या परोसना ज़रूरी नहीं है।** **आप ऐसे कह सकते हैं:** > "हमारे घर में धार्मिक कारणों से केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही बनता है। > हम प्रेम से आपके लिए बहुत स्वादिष...

महावीर स्वामी का जन्मकल्याण महोत्सव आज:रतलाम में झांकियों के साथ निकलेगा चल समारोह; रथ में सवार होगी प्रभु की मूर्ति

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**"महावीर जयंती 2025: भगवान महावीर का प्रेरणादायक जीवन और आज के युग में उसका महत्व"** --- ### **भूमिका: आध्यात्मिकता और शांति का उत्सव** हर साल चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन मनाई जाने वाली **महावीर जयंती**, न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है। वर्ष 2025 में यह पावन पर्व नई ऊर्जा, शांति और सत्य की मिसाल लेकर आ रहा है। भगवान महावीर के उपदेश आज के युग में और भी प्रासंगिक हो गए हैं, जब दुनिया को सहनशीलता, करुणा और अहिंसा की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। --- ### **महावीर जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त** - **तारीख:** रविवार, 13 अप्रैल 2025 - **पर्व दिन:** चैत्र शुक्ल त्रयोदशी - **पूजा मुहूर्त:** प्रातः 6:00 से दोपहर 12:00 तक (स्थानीय समय अनुसार) - इस दिन जैन मंदिरों में विशेष पूजा, रथयात्रा और ध्यान-प्रवचन का आयोजन किया जाता है। --- ### **भगवान महावीर का जीवन परिचय: वैराग्य की वीरगाथा** भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में **कुंडलग्राम** (वर्तमान बिहार) के एक राजघराने में हुआ था। उनके बचपन का नाम **वर्धमान** थ...

Parshuram Jayanti 2025 Date: 2025 में परशुराम जयंती कब है? जानें अक्षय तृतीया का महत्व

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"separator" style="clear: both;"> Parshuram Jayanti 2025: 2025 में कब है परशुराम जयंती? जानिए सही तिथि और महत्व Parshuram Jayanti 2025 की तिथि को लेकर कई लोग Google पर खोज कर रहे हैं। भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था, और यह पर्व विष्णु के छठे अवतार को समर्पित है। इस लेख में जानिए 2025 में परशुराम जयंती कब मनाई जाएगी, पूजा का समय, धार्मिक मान्यताएं और इसका महत्व। Parshuram Jayanti 2025 Date and Time तिथि: मंगलवार, 29 अप्रैल 2025 अक्षय तृतीया प्रारंभ: 28 अप्रैल 2025, रात 11:50 बजे अक्षय तृतीया समाप्त: 30 अप्रैल 2025, रात 02:10 बजे परशुराम जन्म मुहूर्त: सूर्योदय के बाद प्रातःकाल भगवान परशुराम कौन थे? भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। वे क्रोध, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं। उन्होंने धरती से अधर्म और अत्याचार मिटाने के लिए क्षत्रियों का 21 बार संहार किया। वे शस्त्रविद्या में निपुण और श्रीराम तथा भीष्म पितामह के गुरु भी थे। Parshuram Jayanti 2025 पर कैसे करें पूजा? इस दिन प्रातःकाल स्नान कर भगवान...

श्रीराम नवमी 2025: घर पर ऐसे करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और धार्मिक लाभ

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# **राम नवमी 2025: जानिए श्री राम जन्मोत्सव की पूजा विधि, प्रेरणादायक कथाएँ और व्रत के चमत्कारी लाभ** **राम नवमी**, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यही वह दिन है जब त्रेता युग में प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। राम नवमी 2025 में यह पावन पर्व **17 अप्रैल 2025, गुरुवार** को आ रहा है। इस दिन रामभक्त उपवास रखते हैं, घरों में श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जाता है और मंदिरों में विशेष झांकी व भजन-कीर्तन होते हैं। --- ## **राम नवमी 2025 की पूजा विधि** 1. **स्नान और संकल्प:**      सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत व पूजा का संकल्प लें। 2. **घर में पूजा स्थल की सफाई करें** और वहाँ श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमानजी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें। 3. **पंचामृत से स्नान:**      श्रीराम की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) से स्नान कराएँ। 4. **पूजन सामग्री:**      अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी पत्र, रामायण या सुंदरकांड का पाठ। 5. **राम जन्म का सम...

Chaitra Purnima 2025: हनुमान जयंती कब है? जानें तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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  # **Chaitra Purnima 2025: हनुमान जी की जयंती का महापर्व – कब है चैत्र पूर्णिमा? जानिए सही तारीख, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!** क्या आप जानते हैं कि **एक दिन ऐसा भी आता है**, जब *पवित्रता, भक्ति और चमत्कार* तीनों एक साथ पृथ्वी पर उतरते हैं?   **जी हां! वो दिन है – चैत्र पूर्णिमा!** यह केवल एक पूर्णिमा नहीं, बल्कि *शक्ति के अवतार* हनुमान जी का जन्मोत्सव है।   यह दिन है *स्नान-दान और पुण्य* कमाने का, *व्रत और मंत्र-साधना* से इच्छाओं को साकार करने का। तो आइए जानते हैं—   **चैत्र पूर्णिमा 2025** में क्या है खास? कब है सही तारीख और किस मुहूर्त में करें पूजा जिससे जीवन बदल जाए? ---💟 ## **चैत्र पूर्णिमा 2025: तारीख और समय (Date & Time)** इस बार चैत्र पूर्णिमा का पावन पर्व लेकर आ रहा है **अप्रैल 2025** में *अद्भुत संयोग*। - **तिथि प्रारंभ**: 12 अप्रैल 2025, शनिवार – रात 09:25 बजे   - **तिथि समाप्त**: 13 अप्रैल 2025, रविवार – रात 11:32 बजे **हनुमान जयंती व्रत और पूजा का मुख्य दिन**:   **13 अप्रैल 2025 (रविवार)** – क्योंकि इस दिन सूर्योद...